पॉक्सो एवं दुष्कर्म के आरोपी को मिली जमानत
मामला गौरीगंज थाना क्षेत्र का है जहां रहने वाली एक युवती ने थाना जामों के रेवरापुर निवासी सुदेश पर शादी का झांसा देकर एक वर्ष तक दुष्कर्म एवं शादी का दबाव बनाने पर पीड़िता को जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया। थाना गौरीगंज की पुलिस ने मामले की जांच कर दुष्कर्म एवं जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में न्यायालय के समक्ष चार्जशीट प्रस्तुत की। आरोपी द्वारा अपना जमानत प्रार्थना पत्र फौजदारी अधिवक्ता सत्येंद्र लक्ष्मी शुक्ला के माध्यम से न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अभियुक्त के जमानत प्रार्थना पत्र पर बहस करते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ता सत्येंद्र शुक्ला द्वारा अभियुक्त के जमानत में तर्क रखा गया कि मुकदमा उपरोक्त में अभियुक्त को गलत तथ्यों के आधार पर मुलजिम बना दिया गया है। अभियुक्त का घटना से कोई वास्ता सरोकार नहीं है प्रथम सूचना रिपोर्ट विधिक राय मशविरे के आधार पर दर्ज कराई है जिससे घटना असत्य एवं संदिग्ध प्रतीत होती है। पीड़िता द्वारा पुलिस को दिए अपने बयान एवं मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में भिन्नता है। पीड़िता के शारीरिक विकास को देखते हुए यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है की पीड़िता पूर्ण तौर पर बालिग है। प्रार्थी का कोई दोष सिद्ध अपराधिक इतिहास नहीं है।
अभियोजन के पक्ष के सरकारी अधिवक्ता द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि पीड़िता को शादी का झूठा झांसा देकर उसकी इच्छा के विरुद्ध जबरदस्ती लैंगिक अपराध के कारित किया गया अभियुक्त का यह कृत्य जमानत योग्य नहीं है।
दोनों पक्षों की बहस को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पोक्सो एक्ट नीरज श्रीवास्तव द्वारा बचाव पक्ष के अधिवक्ता सत्येंद्र लक्ष्मी शुक्ला के तर्कों से सहमत होते हुए अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
Tags
राज्य