के एन आई मे आठ दिवसीय ऑनलाइन मालवीय मिशन शिक्षण - प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रगति पर
सुल्तानपुर, न्यू गीतांजलि टाइम्स। केएनआईपीएसएस में दिन शनिवार को आठ दिवसीय ऑनलाइन मालवीय मिशन शिक्षण - प्रशिक्षण कार्यशाला के अंतर्गत चौथे दिन के प्रथम सत्र के रिसोर्स पर्सन प्रो हितेंद्र कुमार मिश्रा नॉर्थ ईस्टर्न हिल विश्वविद्यालय शिलांग मेघालय ने अपना विचार प्रस्तुत किया । यू जी सी मदन मोहन मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर असम विश्वविद्यालय सिलचर एवं कमला नेहरु संस्थान सुल्तानपुर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित संकाय सम्वर्द्धन कार्यक्रम के चौथा दिन भारतीय ज्ञान परंपरा विषय महत्वपूर्ण रहा। इस अवसर पर प्रोफेसर हितेंद्र ने भारतीय ज्ञान परंपरा के संदर्भ में बताया कि सार्वभौमिक रूप से यह सिद्ध हो चुका कि प्राचीन भारत विश्वगुरु था। समकालीन भारतीय पंचाग दूसरे देशों की गणना पद्धति और कैलेंडर से बहुत उन्नतशील हैं। प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति आज भी प्रासंगिक है। इन्होंने बताया कि भारतीय ज्ञान परम्परा केवल कर्मकांड ही नहीं अपितु दर्शन कृषि अर्थशास्त्र और विज्ञान सभी का योग है। अंतरिक्ष विज्ञान पहले भी हमारे देश के विभिन्न शास्त्रों में उल्लेखित है।व्याख्यान के पश्चात आयोजित प्रश्नोत्तर सत्र मे प्रतिभागियों ने अपने प्रश्नों के द्वारा जिज्ञासा जाहिर की जिसका उत्तर प्रोफेसर हितेंद्र कुमार मिश्रा द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा संकाय के एन आई के संतोष सिंह कुशवाहा ने किया जिनके द्वारा सर्वप्रथम कार्यक्रम के मुख्य वक्ता व सभी पदाधिकारियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम संरक्षक प्रो. बिहारी सिंह के एवं निर्देशक डॉ संतोष कुमार सिंह ने कहा कि यह संकाय सम्वर्द्धन कार्यक्रम वर्तमान शिक्षक समुदाय के लिए अत्यंत ही उपादेय है। अंत मे कार्यक्रम का समापन अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन करके किया गया।