एल्विश यादव जैसे बिग बास ओटीटी विनर युवाओं को नशे के बना रहे आदी

 

एल्विश यादव जैसे बिग बास ओटीटी विनर युवाओं को नशे के बना रहे आदी

अंजनी कुमार तिवारी
पत्रकारिता विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय
(यह लेखक के अपने स्वतंत्र विचार हैं)

न्यू गीतांजलि टाइम्स सुल्तानपुर। हमारे देश की धरती वीरों की धरती रही है लेकिन अब यहां सूचना क्रान्ति के दौर में युवाओं के लिए आदर्श बनने वाले युवा जो सिनेमा में सक्रिय हैं जो युवाओं की दशा दिशा बदलने का मादा रखते हैं जब वो नशे के आदि बनते हैं पैसे के लिए सोने से भी अधिक कीमती सांपों के जहर की तस्करी कर उससे नशा करवाने की पार्टी करते हैं तब ऐसा लगता है कि हमारा युवा किस दिशा में जा रहा है। क्या पैसे के लिए ये टाप के यूट्यूबर बिग बास जैसे शो के विजेता एल्विश यादव इस हद तक नीचे गिरेंगे की अपने फालोवर्स को नशे की जद में धकेल देंगे ? बेहद गंभीर समय है इन सफल युवाओं का सच कितना भयावह है यह जब उनके फैंस को मालूम होता है तो वह कितने टूटते हैं उनका भरोसा अपने सेलिब्रेटी अपने आदर्श से अब उठता जा रहा है। हम बात कर रहे हैं युवा यूट्यूबर बिग-बास ओटीटी विनर फेम रहे एल्विश यादव की जिनको यूपी पुलिस ने स्नेक वेनम केस में सांपों के जहर के माध्यम से नशा करवाने और तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया जहां कोर्ट में उन्होंने अपने आरोपों को स्वीकार किया है। सुल्तानपुर सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने एल्विश यादव के खिलाफ मोर्चा खोला था उन्होंने कहा था कि "सांप लुप्तप्राय प्रजाति की श्रेणी में आते हैं। नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि यूट्यूबर लोकप्रियता बटोरने के लिए गैर कानूनी तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। मेनका गांधी ने एल्विश यादव को सांप के जहर को सप्लाई करने वाला सरगना बताया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुल्तानपुर की सांसद मेनका गांधी का एनजीओ पीपल फॉर एनिमल्स (पीएफ) पशु संरक्षण का काम करता है। मेनका गांधी ने तस्करों के चंगुल से लुप्तप्राय जीवों को बचाने में नाकाम होने पर चिंता जताई थी। साथ ही वन विभाग और पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए थे। नोएडा पुलिस ने मेनका गांधी के एनजीओ पीएफए की शिकायत पर रेव पार्टी में छापा मारा था। रेव पार्टी से नौ सांप बरामद हुए थे। नोएडा सेक्टर-51 के बैक्वेंट हॉल में रेव पार्टी चल रही थी। एल्विश यादव से पहले छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। आज एल्विश यादव द्वारा अपने ऊपर लगे आरोपों की स्वीकार करने के बाद एनडीपीएस एक्ट की धारा 29 के तहत केस दर्ज करके सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।

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