दलित उत्पीड़न एवं पाक्सो के आरोपी की जमानत हुई स्वीकृत नहीं जाना होगा जेल
सुल्तानपुर, न्यू गीतांजलि टाइम्स। मामला जामो थाना क्षेत्र के बरेहटी गांव का है जहां रहने वाली एक किशोरी के पिता ने आरोप लगाया कि गांव के लिए धनंजय सिंह दीपक सिंह उर्फ कप्तान राजेश्वर सिंह आदि ने उनके साथ गाली गलौज की एवं कनपटी पर बंदूक लगाकर जान से मारने की धमकी दी। मामले की विवेचना के दौरान पुलिस द्वारा कप्तान सिंह का नाम गलत पाते हुए उसका नाम विवेचना के दौरान निकाल दिया और पीड़िता एवं वादी के बयान के आधार पर धनंजय सिंह को मामले का आरोपी बना दिया एवं धनंजय सिंह एवं उसके परिवार के तीन अन्य लोगों के विरुद्ध छेड़छाड़ दलित उत्पीड़न और पोक्सो जैसी गंभीर धाराओं में न्यायालय में चार्जशीट भेज दी। आरोपी धनंजय ने आज न्यायालय में समर्पण करते हुए अपने अधिवक्ता सत्येंद्र लक्ष्मी शुक्ला एवं ज्ञानेंद्र सिंह के माध्यम से जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया बचाव पक्ष की अधिवक्ता गण द्वारा जमानत के समर्थन में तर्क प्रस्तुत किया गया कि आज का आरोपीय धनंजय सिंह प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है पीड़िता और वादी मुकदमा एवं अन्य गवाह के बयानों में विरोधाभास है प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित अभियुक्त कप्तान सिंह का नाम विवेचना के द्वारा पुलिस द्वारा निकाल दिया गया है मात्र दलित समुदाय का व्यक्ति होने के कारण वादी मुकदमा द्वारा अभियुक्त एवं उसके परिवार को फसाने के लिए झूठा मुकदमा लिखाया गया है।मेडिकल की अवलोकन से स्पष्ट है की घटना में किसी को भी किसी प्रकार की कोई चोट नहीं आई ना ही कथित घटना में प्रयुक्त असलहों की बरामदगी किसी के पास से की गई है। वादी द्वारा अभियुक्त एवं उसके परिवार को फर्जी तथ्यों के आधार पर महज परेशान करने और दबाव बनाने की नीयत से झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है। अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत का विरोध करते हुए घटना को गंभीर बताते हुए जमानत का विरोध किया दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत विशेष न्यायाधीश पाक्सो नीरज श्रीवास्तव द्वारा अभियुक्त धनंजय की जमानत स्वीकार करते हुए उसे जमानत बॉन्ड एवं मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिया।