राजाराम सरस्वती शिशु विद्या मंदिर नारायणपुर सुल्तानपुर द्वारा युग पुरुष स्वामी विवेकानंद जी की 161वीं जयंती हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई।
सुलतानपुर, न्यू गीतांजलि टाइम्स। स्वामी विवेकानंद जी की 161वीं जयंती पूर्व छात्र परिषद द्वारा आयोजित विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा संचालित राजाराम सरस्वती शिशु विद्या मंदिर नारायणपुर सुल्तानपुर यू पी के पूर्व छात्र परिषद द्वारा युग पुरुष स्वामी विवेकानंद जी की 161वीं जयंती हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई।कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉक्टर शरद कुमार सिंह प्रधानाचार्य गोंडा गवर्मेंट कालेज तथा पूर्व छात्र बहिन कविता त्रिपाठी (सप्लाई इंस्पेक्टर प्रतापगढ़ ) द्वारा समवेत मां शारदे ओम एवं भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर तथा श्रद्धा दीप जलाकर किया गया ।साक्षात् विवेकानंद के वेश में सजे भैया प्रभाव त्रिपाठी बहिन मिष्टी तथा तीनों भैया बहिनों को अतिथियों द्वारा माल्यार्पण किया गया तथा आरती उतारी गई।प्रधानाचार्य दिग्विजय नाथ पांडेय ने अतिथियों का परिचय कराया तथा स्मृति चिन्ह रूप में बही अनुराधा ने बहिन कविता त्रिपाठी का सम्मान किया तथा संरक्षक उत्कर्ष सिंह ने डॉक्टर शरद सिंह का सम्मान किया। भैया अखिल सिंह ने स्वामी विवेकानंद का जीवन संस्मरण सुनाया तथा खुशी द्वारा विवेकानंद से संबंधित प्रेरक गीत सुनाकरपूर्व छात्रों को मंत्र मुग्ध कर दिया।आचार्य शैलेन्द्र पांडेय (व्यवस्था प्रमुख)ने स्वामी जी के ध्येय वाक्य उठो जागो और लक्ष्य तक पहुंचने के पहले मत रुको को याद दिलाते हुए युवकों से लक्ष्य सुनिश्चित करने का आग्रह किया।बहिन कविता त्रिपाठी जी द्वारा अपने उद्बोधन में विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेने का आग्रह करते हुए अपने जीवन में स्थित प्रज्ञ बनने का संकल्प लेने का संकल्प व्यक्त किया।प्रधानाचार्य डॉक्टर शरद सिंह ने अपने उद्बोधन में विवेकानंद जी के वाक्य नर सेवा नारायण सेवा को उद्धृत करते हुए उनके कोलकाता में फैले प्लेग के काल खंड में रामकृष्ण मठ को बंद कर सेवा कार्य में सभी को लग जाने के प्रसंग पर पूर्व छात्रों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आग्रह करते हुए संवेदनशीलता और समाज जीवन में अपनाने का निवेदन किया और कहा कि युवा दिवस तभी मनाना सार्थक होगा।संचालन भैया आशुतोष मिश्रा पूर्व छात्र ने किया तथा आभार ज्ञापन संरक्षक उत्कर्ष सिंह ने किया कार्यक्रम में कुल 85भैया बहिन उपस्थित रहे समापन मंत्र के साथ सभी भैया बहिन एक साथ जलपान कर अपनी यादों को स्मरण किए इस कार्यक्रम के प्रमुख वरिष्ठ आचार्य अशोक सिंह के साथ सभी आचार्य क्रमशः राजेश ओझा दिनेश सिंह धीरेन्द्र सिंह सुधीर सिंह चिंतामणि मिश्र अंकित शर्मा तथा आचार्या बहिनें उषा शुक्ला दीपमाला मिश्रा अरुणा श्रीवास्तव उज्ज्वला त्रिपाठी श्रीनाथ कर्मचारी आया इंद्रावती आदि सभी ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की