स्वामी विवेकानंद का दर्शन ही वह कुंजी है जिसके सहारे भारत विश्वगुरु बन सकता है- डॉ संतोष अंश
(अभाविप द्वारा युवा एवं भारत का भविष्य विषय पर संगोष्ठी का आयोजन)
सुलतानपुर, न्यू गीतांजलि टाइम्स। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कुशभवनपुर द्वारा युवा पखवाड़ा के अंतर्गत कर्मावती राम बक्श सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरेठी, बल्दीराय में 'युवा एवं भारत का भविष्य' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें अभाविप काशी प्रांत उपाध्यक्ष डॉ संतोष सिंह अंश का प्रवास रहा। मुख्य वक्ता के रूप में उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि किसने सोचा था कि एक भगवा संन्यासी अमेरिका पहुंच सबके विचारों को झकझोर कर रख देगा। उस संन्यासी ने शिकागो की धर्म संसद से सिर्फ इतना ही तो कहा था, "अमेरिकावासी बहनों और भाइयों। तालियों की ऐसी गड़गड़ाहट हुई कि शोर ने थमने का नाम नहीं लिया। यह शोर था भारतीय दर्शन की स्वीकार्यता का। वह दर्शन जिसमें दुनिया का हर शख्स हमारा परिवार है। कोई भेद नहीं। मानवता के नाते सब एक। वह दर्शन जिससे पश्चिम (वेस्ट) अछूता था। किसी की कल्पना में नहीं था कि अनजान लोगों के लिए सम्बोधन बहन और भाई का भी हो सकता है। आज जब पूरा देश स्वामी विवेकानंद की जयंती मना रहा है तो हमें यह बात समझनी होगी कि स्वामी विवेकानंद का दर्शन ही वह कुंजी है जिसके सहारे भारत विश्वगुरु बन सकता है।स्वामी विवेकानंद का मानना था कि "मनुष्य का संघर्ष जितना कठिन होगा, उसकी जीत भी उतनी बड़ी होगी। जितना बड़ा आपका लक्ष्य होगा, उतना बडा आपका संघर्ष"।विवेकानंद मानव शक्ति के कट्टर समर्थक थे और कहते थे कि ''शक्ति ही जीवन है, कमजोरी मृत्यु है'' और शक्ति के बिना कोई भौतिक जीवन नहीं जी सकता।विवेकानंद युवाओं से यह अपेक्षा करते थे कि वे सामाजिक गतिविधियां संचालित करें, न केवल समाज की बेहतरी के लिए बल्कि अपने व्यक्तिगत विकास और वृद्धि के लिए भी सामाजिक कार्य करें।आभार ज्ञापन विद्यालय के प्रधानाचार्य समर सिंह ने किया। इस मौके पर वलीपुर नगर के नगर अध्यक्ष अरुण दुबे , जिला सह संयोजक विपुल मिश्रा, कुशभवनपुर नगर सहमंत्री परमेंद्र सिंह, मारुत नंदन, अजय कुमार शुक्ल , पंकज कुमार, अमर बहादुर, सुनील कुमार, साईं लाल अभिजीत , विशिष्ट, आदित्य, आलेख,शुभम, रिंकी मिश्रा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन बल्दीराय तहसील संयोजक अमन वर्मा ने किया।