बैतीकला में सरकारी राशन दुकान के चयन में बवाल, नोडल अधिकारी पर भड़की भीड़
चांदा, सुलतानपुर | 09 मई 2025
विकास खण्ड प्रतापपुर कमैचा के ग्रामसभा बैतीकला में शुक्रवार को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान (कोटा) के चयन को लेकर बवाल हो गया। चुनाव प्रक्रिया में नोडल अधिकारी की कथित मनमानी से नाराज ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। मामला बढ़ता देख भारी पुलिस बल को मौके पर बुलाया गया, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित किया जा सका।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्राथमिक विद्यालय बैतीकला के बाग में कोटा चयन हेतु खुली बैठक आहूत की गई थी, जिसकी सूचना पहले ही पंचायत भवन पर चस्पा कर दी गई थी। सुबह 11 बजे से शुरू हुई प्रक्रिया में नोडल अधिकारी एडीओ (आईएसबी) विनोद कुमार सिंह, ग्राम पंचायत सचिव नीरज, प्रधान पूनम यादव और पुलिस बल मौजूद रहा। चयन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए हजारों की संख्या में पुरुष, महिलाएं व युवा मैदान में एकत्र हुए।
सूत्रों के अनुसार चार व्यक्तियों—श्याम बहादुर यादव, सुजीत कुमार यादव, अतुल विश्वकर्मा और अब्दुल कादिर—ने कोटे के लिए आवेदन किया था। प्रक्रिया सामान्य रूप से चल रही थी कि तभी नोडल अधिकारी द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों से भी आवेदन लेना शुरू कर दिया गया, जिसमें शंकर, वंदना और पार्वती महिला समूहों को बुलाया गया और उनका आवेदन स्वीकार किया गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि यह निर्णय पूर्व सूचना के विपरीत था, क्योंकि पहले से ही तय था कि कोटा अति पिछड़े वर्ग के व्यक्ति को दिया जाएगा और स्वयं सहायता समूहों के चयन का कोई उल्लेख नहीं था। तीन प्रत्याशियों ने इसपर विरोध जताया और नोडल अधिकारी पर मनमानी का आरोप लगाया।
बात बढ़ते-बढ़ते वाद-विवाद में बदल गई। जब नोडल अधिकारी ने चयन प्रक्रिया को स्थगित करने की घोषणा की तो भीड़ आक्रोशित हो गई। लोगों ने आरोप लगाया कि नोडल अधिकारी प्रधान के पक्ष में काम कर रहे हैं। जब नोडल अधिकारी बिना चुनाव प्रक्रिया पूरी किए जाने लगे तो भीड़ ने उन्हें घेर लिया और जाने से रोका। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि मौके पर मौजूद एसआई नरसिंह यादव और अन्य पुलिसकर्मियों को भीड़ को नियंत्रित करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।
स्थिति को भांपते हुए कोतवाली चांदा से कोतवाल अशोक कुमार सिंह, कोइरीपुर चौकी प्रभारी वेद प्रकाश शर्मा सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और किसी तरह नोडल अधिकारी को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
प्रकरण को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है और निष्पक्ष चयन की मांग की जा रही है। प्रशासन ने मामले की जांच के संकेत दिए हैं।