धोपाप में श्रीराम कथा महायज्ञ में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
धोपाप (लंभुआ), सुल्तानपुर।
लंभुआ तहसील अंतर्गत प्रसिद्ध तीर्थ स्थल धोपाप में आयोजित श्रीराम कथा महायज्ञ में मंगलवार को कथा व्यास दिलीप कृष्ण भारद्वाज जी महाराज ने भक्तों को भावविभोर कर देने वाली कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि जब राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न राजमहल में खेलते थे तो राजा दशरथ व उनकी तीनों रानियां अत्यंत प्रसन्न होती थीं।
कथा के क्रम में उन्होंने बताया कि जब राक्षसों ने ऋषि विश्वामित्र का यज्ञ बाधित करना शुरू किया तो वे राम और लक्ष्मण को यज्ञ रक्षा हेतु मांगने अयोध्या पहुंचे। पहले तो राजा दशरथ क्रोधित हुए, परंतु गुरु वशिष्ठ के समझाने पर उन्होंने दोनों पुत्रों को भेजने की अनुमति दे दी। यज्ञ सम्पन्न होने के बाद राम-लक्ष्मण ने विश्वामित्र से शिक्षाएं लीं और फिर राजा जनक के सीता स्वयंवर में शामिल होने जनकपुर की ओर प्रस्थान किया। रास्ते में राम के स्पर्श से अहिल्या शिला से मुक्त होकर दिव्य रूप में प्रकट हुईं।
कथा प्रारंभ से पूर्व आयोजक रविंद्र त्रिपाठी व उनकी पत्नी श्रीमती शशिबाला त्रिपाठी ने चौथे दिन के मुख्य यजमानों फूलचंद अग्रहरि, अश्वनी बरनवाल, अवधेश सिंह, राकेश अग्रहरि, संजय सिंह व उनकी पत्नी स्नेहलता सिंह संग व्यासपीठ व बजरंगबली की पूजा-अर्चना कर आरती की।
कार्यक्रम में पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष सीता शरण त्रिपाठी, कौशलेंद्र त्रिपाठी, विकास वर्मा, रमाशंकर पाठक, जगदीश तिवारी, संगीता सिंह, रमेश अग्रहरि, बृजेश मिश्रा (मुंबई), डॉक्टर कृष्ण कुमार अग्रहरि, शीतल गिरी, राजकिशोर तिवारी, डॉक्टर सदानंद तिवारी, अभय नारायण तिवारी, अजय उपाध्याय, रितिक मिश्रा, रागिनी मिश्रा, बीके अग्रहरि, आशुतोष सिंह, विनोद अग्रहरि, विराट मिश्रा, सूरत अजय साहू, विद्यार्थी यादव सहित हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।