भागवत महापुराण एक ऐसा रस जिसकी एक-एक बूंद अमृत के समान स्वामी पवन देव

 भागवत महापुराण एक ऐसा रस जिसकी एक-एक बूंद अमृत के समान स्वामी पवन देव


पयागीपुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा महापुराण का तीसरा दिन

सुल्तानपुर, न्यू गीतांजलि टाइम्स। श्रीमद् भागवत पुराण में एक ऐसा रस है इसकी एक-एक बूँद अमृत के समान है इस रस की एक-एक बूंद ग्राह्य है। श्रीमद् भागवत कथा का रस का कान से पिया जाता है हृदय में ग्रहण किया जाता है उक्त विचार व्यास पीठ से श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन की कथा में संत आचार्य पवन देव जी महाराज ने सुनाया। राम कथा सत् किरण समाना संत चकोर करई जेहि पाना चौपाई का व्याख्यान करते हुए श्रीमद् भागवत के श्रवण का महात्म बताया उन्होंने कहा संगीत मां सरस्वती का हथियार है और संगीत की शक्ति मानव तो छोड़िए सृष्टि के चराचर जगत में सभी जीव संगीत से आकर्षित होते है।राजा परीक्षित ने भागवत कथा सुनते हुए सुकदेव महाराज से दो प्रश्न किया एक तो जिसके पास जीवन में समय है उसे क्या करना चाहिए और दूसरा जिसकी मृत्यु सामने खड़ी हो उसे क्या करना चाहिए इन्ही दो प्रश्नों का जवाब श्रीमद् भागवत कथा में आता है उन्होंने कहा वज्र से भी मजबूत भगवान का शरीर होता है वही फूल से भी कोमल नारायण का स्वभाव है डारविन के सिद्धांतों की आलोचना करते हुए कहा मानव बंदरो का विकसित स्वरूप नही मनु व सतरूपा की संतान है नारी से ही सृष्टि की रचना हुई इसीलिए उन्हे मातृ शक्ति कहा गया है भगवान ब्रह्मा जी ने नारी को अधिकारी बनाया है इसीलिए पिता से माता का स्थान दस गुना है। भगवान् ने भी हमेशा नारी शक्ति को सर्वोच्च स्थान दिया उदाहरण के तौर पर उन्होंने लक्ष्मीनारायण राधागोविंद गौरीशंकर सीताराम मातृ पिता का नाम लिया व्यास जी ने मनु सतरूपा की संतान देवहुति व ऋषि कर्दम के विवाह और उनकी नौ पुत्रियों व दसवी संतान के रूप मे भगवान कपिल के जन्म की कथा का वर्णन किया।राजा उत्तान पाद की दो रानियो सुरुचि व सुनीति के पुत्र ध्रुव के चरित्र का प्रसंग सुनाया।भागवत कथा श्रवण करने पहुंचे पूर्व मंत्री जय नारायण तिवारी विधायक राजेश गौतम डॉ रमाशंकर मिश्र भाजपा नेता एल के दूबे मथुरा प्रसाद नि सभासद राजदेव शुक्ल अशोक पांडेय गुंजन मिश्र धर्मेंद्र मिश्र अनमोल मिश्र आशीष मिश्र अतुल दूबे पप्पू शुक्ल आदि ने व्यास पीठ का आशीर्वाद लिया।

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