सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता दुनिया में सच्ची मित्रता का अनुपम है-कृष्ण मोहन जी महाराज
चांदा, न्यू गीतांजलि टाइम्स। श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के विश्राम दिवस पर कथा व्यास जी महाराज ने सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया सुदामा कृष्ण की मित्रता और जीवन मे निस्वार्थता के महत्व को अत्यंत मार्मिक ढंक से प्रस्तुत किया श्रीमहाराज जी ने बताया कि सुदामा और कृष्ण कि मित्रता दुनिया मे सच्ची मिश्रता का अनुपम उदाहरण है।उन्होने सुदामा के संघर्षो और कठिनाईयो के उल्लेखन करते हुऐ कहा कि सुदामा भले ही निर्धन थे लेकिन उन्होने अपनी कठिन परिस्थितियो मे भी श्रीकृष्ण से सहायता मांगने मे संकोच किया भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा के निस्वार्थ मित्रता का मान रखते हुऐ उन्हे धन धान्य से समपन्न कर दिया यह कथा सिखाती है हमको कठिन परिस्थितियों मे भगवान का ध्यान करना चाहिए और सच्चाई के राह पर चलना चाहिए कथा के दौरान श्रीमहाराज जी ने परीक्षित की घटना भी विस्तार से सुनाई कथा को आगे बढाते हुए श्रीमहाराज जी ने कहा परीक्षित ने सात दिन तक श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कर अपने मन से मुत्यु का भय मिटा दिया निर्धारित समय पर तक्षक नामक नाग के डंसने के बाद राजा परीक्षित परमधाम को प्राप्त हुआ श्रीमहाराज जी के भजनो पर श्रोता भावविभोर हो गये इसके पूर्व मुख्य यजमान श्रीमती हंसा देवी पत्नी रामकरन मिश्र ने व्यासपीठ की पूजन अर्चन किया वही ग्राम प्रधान मालती ब्रजेश मिश्र ने कथा व्यास जी को साईकिल व अंगवस्त्र देकर आशीर्वाद प्राप्त किया इस मौके पर कुलगुरु महेन्द्र तिवारी,जगतनारायण मिश्र, रमाशंकर मिश्र,राजीव मिश्र,अनुराग मिश्र,सिप्पू मिश्र,झल्लू मिश्र,प्रधान ब्रजेश मिश्र गुड्डू ,मिश्र,न्नहे तिवारी, रामसूरत मिश्र,बडी संख्या मे महिला पुरुष ने कथा का रसपान किया