प्रभु की भक्ति से बढ़कर कलयुग में कुछ नहीं

प्रभु की भक्ति से बढ़कर कलयुग में कुछ नहीं


बेटियां घर की लक्ष्मी होती हैं

कुड़वार सुल्तानपुर। बेटियां घर की लक्ष्मी होती है उन्हें भार नहीं मानना चाहिए।समाज में समर्पण का भाव सिर्फ बेटियों में ही मिलता है। उक्त बातें गोविंदपुर ग्राम पंचायत  ब्लॉक कुड़वार सुल्तानपुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में दूसरे दिवस पर पूज्य व्यास सुनील शास्त्री वेदांती जी महराज ने बताया।श्री अयोध्या धाम से आए हुए व्यास महराज ने कथा में आगे ध्रुव चरित्र के अंतर्गत बताया कि जीवन में कितना भी संघर्ष मिले पर अपने कर्तव्य पथ को छोड़ना नहीं चाहिए। अपने कर्तव्य के प्रति दृढ़ निश्चय रखना चाहिए और यही दृढ़ निश्चय ही मनुष्य को एक दिन सफलता अवश्य प्राप्त कराता है। उन्होंने आगे बताया कि अपने गुरु के प्रति हमेशा विश्वास रखना चाहिए। इस पृथ्वी पर विषम परिस्थितियों में भी कोई साथ दे न दे लेकिन एक गुरु अवश्य अपने शिष्य के प्रति अपने कर्तव्य को निभाते हैं। इसलिए गुरु के वचनों के प्रति तथा उनके आचरण के प्रति हमेशा विश्वास करना चाहिए। ध्रुव जी महाराज की कठोर तपस्या का ही फल है कि आज भी वह संसार में ध्रुव तारे के रूप में चमक रहे हैं। विवाह संयोग में भी ध्रुबावलोकन का नियम होता है। ध्रुव से तात्पर्य अटल से है। अगर ध्रुव जैसी ऊंचाई पर जाना है तो जीव को ध्रुव जैसी तपस्या भागवत निष्ठा और गुरु के प्रति विश्वास होना अति आवश्यक है।जीवन में वही मनुष्य सुखी है जो भगवत भजन में लीन है। मनुष्य को सबसे सौभाग्यशाली माना जाता है क्योंकि वह संसार में रहकर भागवत कथा के श्रवण का सुख प्राप्त करता है। कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दूसरे दिवस पर मुख्य यजमान भागीरथ पांडे  ने कथा श्रवण में आए हुए समस्त श्रद्धालुओं को धन्यवाद दिया।इस अवसर पर अयोध्या प्रसाद पाण्डेय,विजय पाण्डेय बब्बू फाइटर , मनोज मिश्र, राज पति पाण्डेय, मूल शंकर पाण्डेय कानपुर, देवमुनि, रवि, कृष्ण कुमार, सूरज, पप्पू पाण्डेय संतोष पाण्डेय पत्रकार, राम कृष्ण तिवारी सहित सैंकड़ों कथा भक्त उपस्थित रहे।

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