हृदयता कार्यक्रम से आत्मिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है - प्रो. आलोक कुमार सिंह
सुल्तानपुर, न्यू गीतांजलि टाइम्स। के.एन.आई.पी.एस.एस. के कृषि संकाय में तीन दिवसीय हार्टफूलनेश ध्यान एवं योग कार्यक्रम का दिन शनिवार को समापन हुआ। इस कार्यक्रम का शुभारंभ 20 फरवरी 2025 को संस्थान प्राचार्य प्रो.आलोक कुमार सिंह के कर कमलों द्वारा किया गया। समापन दिवस पर संस्थान प्राचार्य ने बताया कि हृदयता कार्यक्रम से आत्मिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को आंतरिक शांति, मानसिक एकाग्रता और आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करेगा। इन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक छात्रों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों की भागीदारी की अपील की है। कहा कि हृदय-आधारित साधना के माध्यम से संतुलन एवं आत्म-शक्ति विकसित करना एक परम उद्देश्य है। यह केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर ही नहीं बनाता है बल्कि यह हमारे जीवन में स्थिरता और शांति भी लाता है। इस अवसर पर असिस्टेंट प्रोफेसर नीरज सिंह ने बताया कि यह छात्रों की स्मरण शक्ति, ध्यान क्षमता और उत्पादकता बढ़ाने में सहायक तथा अध्यापकों और कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल पर तनाव प्रबंधन के लिए सर्वोत्तम साधन है । इन्होंने कहा कि ध्यान जहां आत्म-ज्ञान करुणा और आंतरिक संतुलन प्राप्त करने की दिशा में एक सार्थक मार्गदर्शन है वहीं योग एवं प्राणायाम से मन और शरीर को स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है। डॉ नीरज सिंह ने बताया कि हृदयता ध्यान एक प्राचीन ध्यान पद्धति पर आधारित आधुनिक तकनीक है, जो आत्म-जागरूकता, मानसिक शांति और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देती है। यह ध्यान तकनीक सरल, सहज और प्रभावी है जिसे कोई भी व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में अपना सकता है। इस मौके पर संकाय प्रभारी डॉ नवीन विक्रम सिंह के साथ साथ डॉ विशाल, डॉ प्रेम चंद्र तथा रंजीत, तेजस्विनी, रिया, अभय, पंकज के साथ 150 से अधिक छात्र व छात्राओं ने प्रतिभाग किया।