कमला नेहरू संस्थान के शिक्षा संकाय में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ शुभारंभ.
न्यू गीतांजलि टाइम्स सुल्तानपुर। कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान के शिक्षा संकाय की ओर से बुधवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ किया गया। राष्ट्रीय सेमिनार के प्रथम दिन संस्थान के प्राचार्य प्रो. आलोक सिंह एवं मुख्य वक्ता प्रो हरिकेश सिंह ने माँ सरस्वती एवं संस्थान के संस्थापक बाबू केदारनाथ सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित करके कार्यक्रम की शुरुआत की। शिक्षा जगत से विभिन्न राज्यों के विषय विशेषज्ञ, शिक्षक और शोधार्थी इसमें प्रमुख रूप से प्रतिभाग किए। राष्ट्रीय सेमिनार का मुख्य विषय सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में शिक्षक शिक्षा की भूमिका रही। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा संकाय की प्राध्यापिका श्रीमती कंचन द्वारा किया गया। संस्थान के उपप्राचार्य प्रो. राधेश्याम सिंह ने बताया कि पुरानी चली आ रही शैक्षिक प्रथा को परिवर्तित करना होगा एवं शिक्षा के समावेशन में विभिन्नता को ध्यान मे रखते हुए नए पाठ को तैयार करना होगा। प्रो. योगेश कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि शिक्षा वास्तव में एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्तिगत क्षमताओं सामाजिक वातावरण आर्थिक विकास आस पास नैतिक और विशेषकर सभी अनुकूलन क्षमताओं को प्रभावित करती हैं । वही प्रो श्रवण कुमार ने कहा कि हमे ऐसे शिक्षक का निर्माण करना है जिसमे करुणा एवं प्रेरणा का भाव हो। प्रसिद्ध वक्ता प्रो हरिकेश सिंह ने महात्मा बुद्ध के आठ शीलो में से तीन शीलो करुणा, शील और समाधि पर विस्तार से चर्चा किए। इन्होंने संपोषणीय विकास के लिए शिक्षकों को समाज की सेवा में तत्पर रहने के लिए मार्गदर्शन किया। यह कार्यक्रम कल दिनांक 21 मार्च 2024 को भी जारी रहेगा। सेमिनार में विभिन्न कॉलेजों से आए शिक्षक़ शोध छात्र के अलावा शिक्षा संकाय के बी0एड0 एवं एम0एड0 के सभी प्रशिक्षणार्थी सम्मिलित रहे।