बहनें अपने कार्य की मानीटरिंग स्वयं करती रहेंगी तो उनके परिश्रम का पुरस्कार मिलना तय है - सुश्री वैशाली जॉइंट मजिस्ट्रेट सुल्तानपुर
सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ज्ञान कुंज विवेकानन्द नगर सुल्तानपुर लक्ष्य बोध कार्यक्रम का आयोजन
सुलतानपुर, न्यू गीतांजलि टाइम्स। सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ज्ञान कुंज विवेकानन्द नगर सुल्तानपुर में आयोजित लक्ष्य बोध कार्यक्रम में आज कक्षा द्वादश की बहनें और उनके माता-पिता को आमंत्रित किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश मणि त्रिपाठी जी ने आमंत्रित अतिथियों का परिचय कराते हुए लक्ष्य बोध कार्यक्रम की प्रस्ताविकी में छात्रों एवं उनके माता-पिता को संबोधित किया और कहा कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से संचालित अपने विद्यालय में हम छात्रों को जहां भारतीय संस्कृति परम्परा पर आधारित संस्कार युक्त शिक्षा प्रदान करने पर बल देते है, तो वहीं हम उनके सर्वांगीण विकास पर पूर्व निर्धारित योजना बनाकर वर्ष भर कार्य करते रहते हैं। हम चरणबद्घ योजना बनाकर विधिवत् कार्य कर रहे हैं। हमारे विद्यालय का गौरवशाली अतीत रहा है।और हमारा वर्तमान तो उज्ज्वल है ही भविष्य भी स्वर्णाक्षरों में अंकित होगा।परिणाम स्वरूप इस वर्ष 2023-24 में विद्यालय का परीक्षाफल सर्वोत्कृष्ट रहा है। वर्तमान सत्र 2024-25 में हमारे शिक्षक और हम सभी ने तय किया है कि हमारे सभी छात्र 75 प्रतिशत से भी अधिक अंकों से उत्तीर्ण तो होंगे ही साथ ही अपनी श्रेष्ठता सिद्ध कर एक नया कीर्तिमान भी स्थापित करेंगे। हमारे आचार्य बन्धु भगिनी की भांति हमारे अभिभावक एवं छात्र भी अपना लक्ष्य तय करें। लक्ष्य वह है जिसे प्राप्त करने के लिए आपको और आपके अभिभावक को अतिरिक्त प्रयास करना पड़े। इसीलिए हमारा लक्ष्य ऊंचा होना चाहिए। बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें छोटे -छोटे लक्ष्य निर्धारित करने पड़ते हैं। इसके लिए हमें समन्वित प्रयास करना पड़ेगा। सुल्तानपुर जनपद में प्रथम नियुक्त लक्ष्य बोध कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आइ ए एस अधिकारी सुश्री वैशाली जी ने उपस्थित छात्राओं एवं उनके माता-पिता को संबोधित करते हुए कहा कि आप जीवन के ऐसे मोड़ पर हैं कि आपको अपनी पढ़ाई में अपनी पूरी ताकत झोंकनी है।आप सौभाग्यशाली हैं कि आपको ईश्वर ने इतने अच्छे माहौल में पढ़ने का अवसर दिया है । इसका लाभ लेने से नहीं चूकना चाहिए।आप सभी सुव्यवस्थित दिनचर्या एवं कार्ययोजना बनाकर पढ़ाई करें।आपका लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए कि अभी आप कहां पर हैं और भविष्य में कहां होंगे। अपनी कमजोरियां और शक्तियों को पहचानें। अपनी छोटी छोटी समस्याओं का तुरन्त समाधान ढूंढना होगा। यदि नियमित रूप से कार्य करते हुए आप अपने कार्य की मानीटरिंग स्वयं करती रहेंगी तो आपके परिश्रम का पुरस्कार मिलना तय है। एक महिला के शिक्षित होने पर उसका पूरा परिवार शिक्षित माना जाता है। सुश्री वैशाली जी ने छात्राओं से लक्ष्य आधारित उनके व्यक्तिगत विचार भी आमंत्रित किए। जिसका उपस्थित छात्राओं और उनके अभिभावकों पर सकारात्मक प्रभाव भी दिखाई दिया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जनपद के ख्यातिलब्ध चिकित्सक एवं विद्यालय प्रबन्धक डा0 पवन कुमार सिंह ने कहा कि मन और बुद्धि का उपकरण ही मनुष्य को पशु से अलग करता है इसीलिए मनुष्य प्रकृति की सर्वोत्कृष्ट सृष्टि है।जिस मनुष्य के संकल्प का स्रोत जितना बलिष्ठ होता है वह मनुष्य उतनी ही सरलता से जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करता है। आचार्य अभिभावक दोनों मिलकर छात्र की संकल्प शक्ति को मजबूत करने में सहायक होते हैं ।वे उसे पोषित करते हैं।हम धैर्य और श्रद्धा के बल पर संकल्प के प्रति सकारात्मक बने रहते हैं।जो लक्ष्य के प्रति जितना संकल्पित होता है वह उतना ही सफल होता है। विद्यालय के संगीत के आचार्य ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी एवं पायल मालवीय के नेतृत्व में भैया बहनों ने लक्ष्य के प्रति प्रेरित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। वरिष्ठ आचार्या श्रीमती रंजना पाण्डेय द्वारा उपस्थित अतिथियों अभिभावक बन्धु भगिनी एवं कार्यक्रम के सहयोगी आचार्य बन्धु भगिनी के प्रति आभार ज्ञापन किया गया। उक्त अवसर पर लक्ष्य बोध कार्यक्रम की संयोजिका वरिष्ठ आचार्या श्रीमती रंजना पाण्डेय अनिल पाण्डेय अखिलेश प्रताप सिंह गिरीश कुमार द्विवेदी गिरीश पाण्डेय कौशलेन्द्र त्रिपाठी प्रतिभा मिश्रा तथा कक्षा द्वादश के सभी कक्षाचार्य बन्धु भगिनी उपस्थित रहे।