विश्राम दिवस की कथा को सुनकर भाव विभोर हुए श्रोता

विश्राम दिवस की कथा को सुनकर भाव विभोर हुए श्रोता


मिलन सात दिन का हमारा तुम्हारा रही ज़िन्दगी तो मिलेंगे दोबारा

सुल्तानपुर, न्यू गीतांजलि टाइम्स। हनुमत नगर शंकरपुरम करौंदिया  निकट रेलवे पावर हाउस पर आयोजित श्री राम कथा में पूज्य कथा व्यास रवि मोहन दास जी महाराज ने विश्राम दिवस की कथा में बताया कि हमें श्री राम चरित्र मानस से मर्यादा पुरुषोत्तम राम, माता जानकी लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न आदि सभी से अपने जीवन में कुछ न कुछ विशेष सीखने को मिलता है। उन्होंने बताया कि सीता स्वयंवर में श्रीराम के पराक्रम और मर्यादा का प्रदर्शन किया गया है। राम-सीता विवाह  प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। रामायण हिंदुओं का प्रमुख ग्रन्थ है। रामायण बताती है कि कुछ गुणों को अपनाकर और कुछ खास बातों का ध्यान में रखकर मर्यादा एवं अनुशासन वाला जीवन जीना चाहिए। इससे बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। रामायण एक राजपरिवार और राजवंश की कहानी है जो पति-पत्नी, भाई और परिवार के अन्य सदस्यों के आपसी रिश्तों के आदर्श पेश करती है । धनुष भंग श्रीराम के बल और कौशल का प्रदर्शन करता है। श्री राम कथा से जीवन में प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सुधारने का संदेश मिलता है। सुग्रीव से मित्रता निभाने के महत्व को बताया गया है। राम कथा बच्चों को नैतिक मूल्यों से अवगत कराती है। राम के चरित्र को अतिमानव और मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में दिखाया गया है।भगवान की कथा का कभी समापन नहीं होता बल्कि कथा केवल विश्राम लेती है। कथा आज जहां पर विश्राम लेगी कल दूसरी जगह वह यहीं से शुरू होगी। उक्त बातें हनुमत नगर शंकरपुरम करौंदिया रेलवे पावर हाउस पर आयोजित श्री राम कथा में कहा व्यास रवि मोहन दास जी महराज ने बताया। शुक्रवार को कथा व्यास ने भगवान राम के दिव्य स्वरूप का वर्णन किया। हनुमान जी का लंका प्रवेश कर लंका दहन की कथा का प्रसंग कथा व्यास ने श्रोताओं को सुनाया। हनुमान जी के अलौकिक प्रताप को बताते हुए कथा व्यास ने बताया कि जो भी परमात्मा का नाम लेकर कोई काम करता है उसके सभी कार्य सफल होते हैं। कथा व्यास ने राम रावण युद्ध का प्रसंग, राम जी के राज्याभिषेक का प्रसंग भी सुनाया। कथा विश्राम में व्यास जी ने बहुत मार्मिक पंक्तियां सुनाई जिसे सुनकर श्रोतागण भावुक हो गए। वो पंक्तियां थी मिलन सात दिन का हमारा तुम्हारा रही ज़िंदगी तो मिलेंगे दुबारा।। आयोजक के द्वारा बताया गया कि 8 मार्च को हवन और 9 मार्च 2025 को महाप्रसाद का आयोजन किया जाएगा। पत्रकार संतोष पाण्डेय ने सभी से आग्रह किया कि आज हवन में शामिल होकर अगले दिवस महाप्रसाद अवश्य प्राप्त करें। इस अवसर पर ज्ञान प्रकाश तिवारी, जगदेव पाण्डेय शास्त्री,जितेंद्र तिवारी बबलू, राजेश पाण्डेय फौजी, हरि शंकर तिवारी, धर्मेंद्र शास्त्री, ए पी दुबे, कौशलेंद्र, रमा शंकर शर्मा, अवधेश सिंह, अरविंद सिंह, ओ पी तिवारी, चंद्र प्रकाश मिश्र, भारत दुबे संदीप सिंह, शैलेश तिवारी, पवन शुक्ला, आदि सैकड़ों श्रोता उपस्थित रहे।

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