भू-माफियाओं की दबंगई, पत्रकार की जमीन पर कब्जे की साजिश
सुल्तानपुर, न्यू गीतांजलि टाइम्स। खैराबाद क्षेत्र में भू-माफियाओं की गुंडागर्दी चरम पर है। एक पत्रकार की पुश्तैनी जमीन, जिसका बैनामा वर्षों पुराना है और जो खतौनी में विधिवत अंकित है, अब भू-माफियाओं की बेशर्म निगाहों का शिकार बन रही है। ये दबंग किसी भी हद तक जाकर उस जमीन पर अवैध कब्जा करने की साजिश रच रहे हैं। हद तो तब हो गई जब न्यायालय द्वारा एक अन्य भूमि पर स्थानगन आदेश (स्टे ऑर्डर) जारी किया गया, लेकिन भू-माफियाओं ने अदालत के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए उस आदेश के सूचना बोर्ड को पत्रकार की जमीन पर लगा दिया। और पत्रकार के बगल वाली जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया ।यह स्पष्ट रूप से न्यायिक प्रक्रिया को ठेंगा दिखाने और कानून की धज्जियां उड़ाने का खुला उदाहरण है। पहले भी ये भू-माफिया दावा कर चुके हैं कि पत्रकार की यह जमीन उनके परिवार की नहीं है, लेकिन जब अपने झूठे दावे को कानूनी रूप से सही साबित नहीं कर पाए, तो अब उन्होंने जबरन कब्जा करने का दुस्साहस किया है।इस पूरी घटना ने यह साबित कर दिया है कि दबंगों के सामने न कानून का डर बचा है, न न्यायालय की कोई परवाह। यह सिर्फ एक पत्रकार की ज़मीन का मसला नहीं, बल्कि पूरे न्यायिक तंत्र को चुनौती देने की नापाक कोशिश है। सवाल उठता है कि प्रशासन और पुलिस आखिर कब तक इन भू-माफियाओं की इस बेशर्मी को नजरअंदाज करेंगे? क्या कानून सिर्फ आम जनता के लिए है और अपराधियों को खुली छूट दी जा चुकी है?अगर प्रशासन और न्यायालय ने जल्द सख्त कदम नहीं उठाए, तो यह भू-माफिया न सिर्फ एक पत्रकार की जमीन हड़प लेंगे, बल्कि पूरे क्षेत्र में अपनी दहशत फैला देंगे। अब समय आ गया है कि शासन-प्रशासन इनपर तत्काल कार्रवाई करे, वरना यह गुंडागर्दी एक नासूर बन जाएगी, जो पूरे समाज के लिए घातक साबित होगी।