सुल्तानपुर का अधिवक्ता महेंद्र मौर्या मर्डर केस
CDR से खुलेगा राज, लेन-देन व अन्य एंगल पर जांच जारी, ढाई बीघे जमीन का केस हारे थे अधिवक्ता
'मेरे पिता की सिर में गोली मारकर हत्या की गई है। अखंडनगर थाने में हम लोगों ने एफआईआर दर्ज कराया है। यह घटना रात 10-11 के बीच में हुई है। दो बीघे जमीन का मामला तो था लेकिन यह घटना उसको लेकर नहीं हुई ऐसा नहीं लगता है।' यह कहना है कि मृतक अधिवक्ता महेंद्र कुमार मौर्या का। आखिर फिर किस लिए अधिवक्ता की हत्या की गई हमने इसकी पड़ताल की।
जिला मुख्यालय से लगभग 60 किमी दूर अखंडनगर थाना स्थित मरूई किशुनदासपुर गांव में रविवार रात अधिवक्ता महेंद्र कुमार मौर्या (55 वर्ष) की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिस समय यह घटना हुई अधिवक्ता महेंद्र धान के खेत में थे। घर से 500 मीटर दूरी पर हुई घटना के बाद मौके पर परिवार और गांव के लोग जमा हो गए। सूचना पर पहुंचे सीओ विनय गौतम समेत कई थानो की फोर्स ने स्थिति को कंट्रोल करते हुए शव को पोस्टमार्टम में भेजा।
सोमवार 3 बजे के बाद अधिवक्ता के शव का दो डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। पीएम के समय की वीडियो ग्राफी भी कराई गई। उनकी कनपटी पर असलहा रखकर गोली चलाई गई। गोली दाहिने ओर से लगकर बाईं ओर से निकल गई। इसके अलावा उनकी कमर में भी चोट के निशान मिले हैं।
मृतक अधिवक्ता कादीपुर तहसील में कार्य करते थे। उनकी मौत से साथी अधिवक्ताओं में काफी रोष है। साथ ही अधिवक्ता महेंद्र समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता थे ऐसे में दिन भर राजनीतिक पार्टी के लोग उनके आवास पर पहुंच कर परिवार को संतावना देते रहे। रह-रहकर पत्नी शकुंतला देवी बेहोश हुई जा रही हैं। वो बार बार कह रही आखिर उन्होंने ऐसा क्या गुनाह किया कि उनकी हत्या कर दी। हत्यारों को बख्शा नहीं जाए उन्हें फांसी कि सजा हो।
भाई सीताराम मौर्या की तहरीर पर गांव के ही राजाराम पाल पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। दरअस्ल राजा राम और महेंद्र मौर्या के मध्य 2 बीघा 10 बिस्वा जमीन का विवाद वर्षों से चलता हुआ चला आ रहा है। सिविल कोर्ट सुल्तानपुर से महेंद्र मौर्या केस जीत भी गए लेकिन फिर हाईकोर्ट से राजाराम की डिग्री हुई। अंत में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और बीते मई माह में सुप्रीम कोर्ट से महेंद्र मौर्या को झटका लगा।
पुलिस सूत्रों की माने तो जांच में पता चला है कि मृतक का लेन देन का विवाद चल रहा था, जिस पहलू की जांच चल रही है। साथ ही संदेहास्पद चाल-चरित्र को लेकर प्रेम प्रसंग के एंगल पर भी जांच पुलिस के अधिकारी कर रहे हैं। कुछ अहम सुराग भी पुलिस के हाथ लगे हैं। सवाल अहम यह है कि परिवार का कहना है कि मृतक महेंद्र धान के खेत में पानी लगाने गए थे। हालांकि उन्होने पैंट शर्ट पहन रखा था। ऐसे में सवाल यह है कि खेत में कार्य करते समय पैंट शर्ट पहनकर कार्य करता कौन है? वही ये भी जांच का विषय है कि मृतक के कपड़े में मिट्टी तक नहीं लगी थी, फिर वो कौन सा खेती किसानी का कार्य कर रहे थे?
इस बाबत सीओ कादीपुर विनय गौतम ने बताया कि नमाजद केस तहरीर के आधार पर दर्जकर आरोपी को हिरासत में लिया गया है। हम सीडीआर निकलवा रहे हैं जिससे जल्द ही अस्ल हत्यारों तक पहुंच जा सकता है।
वही मृतक के भतीजे अखिलेश मौर्या ने बताया कि हमारी पुरानी रंजिश थी, 35-40 साल पुराना मामला था। लोवर कोर्ट से हमारी डिग्री हुई थी, सुप्रीम कोर्ट से उनकी हाल ही में डिग्री हो गई। हमारे चाचा और खानदान वाले सबने मिलकर तय किया उनकी डिग्री हो गई है हमारी सुप्रीम कोर्ट से एपलिकेशन खारिज हो गई है तो अब हमें उनके प्रति आपत्ति नहीं करनी है। वो खेत में अपना फ़सल उगा सकते हैं। पैसे का लेन देन का कोई विवाद हम लोगों को नहीं पता है।