कृषि संकाय मे हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान विषय पर व्याख्यान आयोजित
सुल्तानपुर, न्यू गीतांजलि टाइम्स। कमला नेहरू संस्थान के कृषि संकाय मे दिन शनिवार को बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जयंती साप्ताहिक समारोह के अंतर्गत व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान प्राचार्य प्रोफेसर आलोक कुमार सिंह अतिथि वक्ता डॉ शक्ति सिंह समन्वयक इग्नू अध्ययन केंद्र के एन आई एवं संस्थान मीडिया प्रभारी डॉ आर पी मिश्र द्वारा मां सरस्वती भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर व संस्थान के संस्थापक के.एन.सिंह के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर किया गया । वास्तव में कमला नेहरु संस्थान के अंतर्गत स्वतन्त्रता के अमृत काल मे भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य मे दिनांक 14 से 19 अप्रैल 2025 सभी संकायो मे व्याख्यान सहित विविध कार्यक्रम आयोजित हुए। दिनांक 19 अप्रैल 2025 को कृषि संकाय में साप्ताहिक कार्यक्रम के समापन अवसर पर " हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान " विषय पर व्याख्यान का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस मौके पर विषय प्रवर्तन करते हुए संस्थान प्राचार्य ने कहा कि हमारा संविधान हम भारतवासी को समानता से जीने का अधिकार देता है। साथ ही साथ हमे कर्तव्य पालन व जिम्मेदारी निर्वहन का संवैधानिक स्वरूप भी प्रदान करता है। इसके पीछे भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर की भूमिका अद्वितीय है । इस मौके पर डॉ शक्ति सिंह ने अपने व्याख्यान मे संविधान निर्माण प्रक्रिया विभिन्न समितियों संविधान लागू करने की भारतीय प्रणाली व राष्ट्र निर्माण मे संविधान की भूमिका पर प्रकाश डाला। इन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 को भारत देश को राजनैतिक स्वतन्त्रता मिली जबकि बाबा साहेब के अमूल्य योगदान से 26 जनवरी 1950 को आर्थिक व सामाजिक स्वतंत्रता मिली। संविधान हमारे स्वाभिमान की रक्षा हेतु एक पूर्ण लिखित दस्तावेज हमें प्राप्त है लेकिन यह तभी फलित होगा जब इसके अनुपालक इमानदार व जागरूक होंगे। इसके उपरांत कृषि संकाय के डॉ नवल्दे भारती डॉ विशाल सिंह व अन्य प्राध्यापकों द्वारा डॉ भीमराव अम्बेडकर की जीवनी संविधानिक संरक्षण व राष्ट्र निर्माण मे संविधान की उपादेयता आदि पर विचार व्यक्त किए । डॉ नीरज सिंह द्वारा मंच का संचालन व संस्थान प्राचार्य सहित मुख्य वक्ता का आभार ज्ञापन किया गया। समापन दिवस पर कृषि संकाय प्रभारी डॉ नवीन विक्रम सिंह डॉ कन्हैयालाल डा. रेनू सिंह आदि प्राध्यापक प्राध्यापिकाओं के साथ साथ 300 से अधिक विद्यार्थी उपस्थित रहे।